चंडीगढ़ में बड़ा सियासी घटनाक्रम; मेयर चुनाव से पहले BJP का खेला, 2 AAP महिला पार्षदों को जॉइन कराई पार्टी, विपक्ष को झटका
Chandigarh Two AAP Women Councillors Join BJP Before Mayor Election 2026
Chandigarh Politics: मेयर चुनाव आते ही चंडीगढ़ की राजनीति में जोड़-तोड़ का खेल एक बार फिर शुरू हो गया है। इसी कड़ी में बुधवार (24 दिसंबर) को बड़ा सियासी घटनाक्रम देखने को मिला है। आम आदमी पार्टी से 2 महिला पार्षदों की बीजेपी में जॉइनिंग हुई है। AAP की महिला पार्षद सुमन देवी और पूनम ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। दोनों पार्षदों का बीजेपी में जाना आम आदमी पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। हालांकि, ऐसा होने के कयास पहले से लगने शुरू हो गए थे।
बीजेपी अध्यक्ष और मेयर ने कराई जॉइनिंग
चंडीगढ़ बीजेपी अध्यक्ष जतिन्दर पाल मल्होत्रा और मेयर हरप्रीत कौर बबला ने AAP की महिला पार्षद सुमन देवी और पूनम की बीजेपी में जॉइनिंग कराई और उन्हें मीडिया के सामने पटका पहनाकर पार्टी में शामिल किया। दोनों पार्षदों की जॉइनिंग के लिए बीजेपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी। इस दौरान जतिन्दर पाल मल्होत्रा और मेयर हरप्रीत कौर बबला के अलावा पूर्व चंडीगढ़ बीजेपी अध्यक्ष संजय टंडन और देवेंद्र बबला समेत अन्य पार्टी नेताओं की भी मौजूदगी रही।
आम आदमी पार्टी का कोई भविष्य नहीं
बीजेपी में शामिल हुईं पार्षद पूनम ने कहा, ''आम आदमी पार्टी का कोई भविष्य नहीं है और बीजेपी का एक नाम है यह पार्टी विकास कार्य के लिए जानी जाती है। आम आदमी पार्टी दिल्ली से भी खत्म हो चुकी है। हमारे जो काम रुके हुए हैं वो हम बीजेपी में रहकर करेंगे। गठबंधन में हमें इग्नोर किया जा रहा था। ये सब हमें अच्छा नहीं लगा। लेकिन बीजेपी में सब मिलकर चलते हैं। सबको साथ लेकर चलते हैं। मैं बीजेपी छोड़कर अब कहीं नहीं जाऊंगी।'' वहीं सुमन देवी ने कहा कि हमारी किसी से नाराजगी नहीं है। हमारा मन बीजेपी में आने का था तो मैं आ गई।''

मेयर हरप्रीत कौर बबला ने क्या कहा?
2 AAP महिला पार्षदों की बीजेपी में जॉइनिंग होने के बाद मेयर हरप्रीत कौर बबला ने कहा कि जब मैं महापौर बनी थी तो मैंने कहा था कि बीजेपी का मेयर ही चंडीगढ़ में कुछ करके दिखा सकता है और हमने चंडीगढ़ में विकास के काम किए। पार्षदों को भी लगा क बीजेपी ने काम किया है और ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम से भी प्रभावित हैं। इसीलिए आज पार्षद सुमन देवी और पूनम ने बीजेपी का दामन थामा है। ज्ञात रहे कि यह कोई पहली बार नहीं है, इससे पहले के मेयर चुनाव के दौरान इस तरह तस्वीर दिख चुकी है। यानि पाला बदलने का दौर पुराना है।
चंडीगढ़ BJP के पास अब कुल 18 पार्षद
आम आदमी पार्टी से 2 महिला पार्षदों के बीजेपी में आने से पहले पार्टी के पास पार्षदों की संख्या 16 थी। लेकिन अब यह संख्या 18 हो गई है। यानि मेयर चुनाव में जीत के लिए बीजेपी के पास पर्याप्त वोट हैं। जितने की जीत के लिए चाहिए। मसलन बीजेपी ने अपनी जीत सुनिक्षित कर ली है। वहीं आम आदमी पार्टी से 2 पार्षदों के टूटने के बाद AAP के पास अब पार्षदों की संख्या 11 रह गई है। जो कि पहले 13 थी। इसके अलावा कांग्रेस के पास कुल पार्षदों की संख्या इस समय 6 है। साथ ही कांग्रेस के पास एक वोट सांसद का भी है।
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अब ओपन वोटिंग होगी
चंडीगढ़ नगर निगम में अब मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव गुप्त मतदान नहीं, बल्कि हाथ उठाकर (शो ऑफ हैंड्स) किया जाएगा। प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने पिछले दिनों ही इस संबंध में मंजूरी दी थी। दरअसल, चंडीगढ़ मेयर चुनाव के दौरान पार्षदों की वोटिंग में क्रॉस वोटिंग के अंदेशे और बैलेट पेपर में गड़बड़ी की आशंका के चलते आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के नेता हाथ ओपन वोटिंग की मांग कर रहे थे। चंडीगढ़ मेयर चुनाव के दौरान अक्सर क्रॉस वोटिंग देखने को मिलती आई है। जिससे किसी पार्टी के लिए बाजी किसी भी वक्त पलट जाती है।
चंडीगढ़ मेयर चुनाव के बारे में
मालूम रहे कि, चंडीगढ़ में मेयर का कार्यकाल एक साल का होता है। इस चुनाव में जनता वोट नहीं करती है। जनता द्वारा चुने हुए पार्षद इस चुनाव में वोट डालते हैं। मेयर चुनाव में मौजूदा सांसद का वोट भी पड़ता है। मौजूदा समय में मेयर चुनाव के लिए सांसद के एक वोट के अलावा कुल 35 पार्षदों के वोट हैं। इस समय बीजेपी के पास अपना सांसद नहीं है। जबकि कांग्रेस के पास सांसद के वोट की ताकत है। चंडीगढ़ का पिछला मेयर चुनाव 30 जनवरी 2025 को हुआ था।
नगर निगम की सत्ता में बीजेपी कब-कब काबिज?
चंडीगढ़ बीजेपी 2016 से लगातार 2023 तक नगर निगम की सत्ता में काबिज रही है। यानि 8 सालों से चंडीगढ़ में बीजेपी का ही मेयर बनता रहा। वहीं मेयर चुनाव 2024 में बीजेपी जीती तो लेकिन उसकी जीत कोई काबिल नहीं रही। फर्जीवाड़े के चक्कर में फंसकर बीजेपी के जीते हुए मेयर को इस्तीफा देना पड़ा। सुप्रीम कोर्ट ने भी कांग्रेस-आप गठबंधन के मेयर उम्मीदवार की जीत पर मुहर लगाई। जिससे सिर्फ चंडीगढ़ ही नहीं बल्कि पूरे देश में बीजेपी को लेकर गलत संदेश गया। हालांकि इसके अगले साल 2025 में फिर से बीजेपी अपना मेयर बनाने में कामयाब रही। हालांकि सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का पद बीजेपी के पास नहीं आया था।